उत्तराखंड

धामी सरकार ने दी बिजली उपभोक्ताओं को दोहरी राहत, लाइन लॉस होगा कम और बकाया देने पर सरचार्ज माफ

देहरादून। उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्ता युक्त बिजली आपूर्ति करने के साथ लाइन लॉस को कम करने के लिए उत्तराखंड में रीयल टाइम डाटा सिस्टम (आरटी-डैश) परियोजना शुरू हो गई है। इसके साथ ही एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस) के तहत देहरादून के पथरीबाग में 11.10 करोड़ की लागत से निर्मित 33 व 11 केवी गैस इंसुलेटेड स्विचगेयर उप संस्थान शुरू हो गया। इस परियोजना को पूरा करने में उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।

ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बल्लीवाला चौक के समीप ऊर्जा भवन में शनिवार को दोनों योजनाओं का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पावर फाइनेंस कारपोरेशन के माध्यम से प्रदेश में रीयल टाइम डाटा सिस्टम और गैस इंसुलेटेड स्विचगेयर परियोजना से लाइन लॉस को कम करने के साथ उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति होगी। आरटी डैश सिस्टम ने बिजली आपूर्ति की स्वचालित निगरानी होगी। इस फीडर से बिजली आपूर्ति बाधित हुई है और किन कारणों से हुई है। उसका पता आसानी लगेगा। उन्होंने कहा कि बिजली अब लग्जरी नहीं रह गई है, बल्कि आवश्यकता बन गई है। उत्तराखंड ने बिजली के क्षेत्र में काफी तरक्की की है। अभी और सुधार करने की जरूरत है।

पावर फाइनेंस कारपोरेशन के कार्यपालक सौरभ कुमार शाह ने बताया कि देश के 25 राज्यों में आरटी-डैश परियोजना पर काम हो रहा है। जिसमें उत्तराखंड ने सबसे पहले इस योजना को तय समय में पूरा किया है। प्रदेश के 66 शहरों में 33 व 11 केवी उप संस्थानों की बिजली आपूर्ति को स्वचालित निगरानी की जाएगी।

इसके अलावा पथरीबाग में 33 व 11 केवी का जीआईएस उपसंस्थान का निर्माण किया गया। इससे पांच हजार उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली की आपूर्ति होगी। ऋषिकेश, रुड़की, हरिद्वार, कोटद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, किच्छा, गदरपुर में जीआईएस आधारित उप संस्थान का निर्माण किया जाएगा। कार्यक्रम में सचिव ऊर्जा राधिका झा, प्रबंध निदेशक दीपक रावत, उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल, यूपीसीएल के पूर्व निदेशक अतुल कुमार अग्रवाल आदि मौजूद थे।

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