अंतर्राष्ट्रीय

श्रीलंका: व्यापक प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति पर बढ़ा इस्तीफे का दबाव

श्रीलंका। व्यापक प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। देश की मुख्य तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव व महाभियोग के मुद्दे पर विपक्ष का साथ देने के लिए तैयार है। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के तहत 10,000 से अधिक लोग शनिवार को गाले फेस ग्रीन पार्क में इकट्ठा हुए और उन्होंने रातभर प्रदर्शन किया। मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेगया (एसजेबी) शुक्रवार को ही गोटाबाया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान कर चुकी है। विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा राष्ट्रपति प्रणाली की समाप्ति की मांग कर चुके हैं।

225 सदस्यीय सदन में एसजेबी व टीएनए के कुल 64 सदस्य हैं। चुनाव के समय सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के पास 150 मत थे, लेकिन 42 सांसदों ने उससे नाता तोड़ लिया है। उधर, गोटाबाया ने मौजूदा आर्थिक संकट पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई है, जिसमें गठबंधन के 11 दलों के साथ-साथ 42 निर्दलीय सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है। सरकार आर्थिक मदद के लिए सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से वार्ता करने वाली है।

दूसरी तरफ, बड़ी संख्या में लोग शनिवार सुबह से ही गाले फेस में इकट्ठा होने शुरू हो गए थे। इसी स्थान पर सचिवालय भी है। शाम होते-होते पूरा रास्ता प्रदर्शनकारियों से भर गया और यातायात बाधित हो गया। एक प्रदर्शनकारी ने रविवार सुबह छह बजे इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा, ‘हम अब भी यहां हैं।’ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जनसमूह ने रातभर प्रदर्शन किया।

पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने गोटाबाया सरकार को बताया अक्षम: पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गोटाबाया सरकार पर अक्षम होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘हमारे समय में ऐसा नहीं हुआ.. लोगों को जरूरी सामग्री की खरीद के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ा। लोग सड़कों पर हैं और इसके लिए गोटाबाया सरकार की अक्षमता जिम्मेदार है।’

सेंट्रल बैंक को स्वतंत्र छोड़ना होगा : गवर्नर: सेंट्रल बैंक आफ श्रीलंका के नवनियुक्त गवर्नर नंदलाल विक्रमसिंघे ने आर्थिक संकट से पार पाने का विश्वास जताते हुए कहा कि इसके लिए सेंट्रल बैंक को स्वतंत्र छोड़ना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति गोटाबाया ने उन्हें स्वतंत्र रूप से बैंक के संचालन का अधिकार देते हुए आर्थिक संकट को दूर करने का उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

भारत ने भेजी सब्जियों व राशन की खेप: एएनआइए के अनुसार, भारत से भेजी गई सब्जियों व राशन की खेप कोलंबो पहुंच गई है। भारत अबतक 2.70 लाख टन तेल की आपूर्ति श्रीलंका को कर चुका है। उसने श्रीलंका को एक अरब डालर का कर्ज देने का भी एलान किया है। श्रीलंका में महंगाई का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एक किलो चावल की कीमत 200-240 रुपये पहुंच चुकी है। हालांकि, सरकार ने किफायती दर पर चावल बिक्री शुरू की है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है।

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