काफिऱ हो पंडितों सब भागों कश्मीरे दर से
जगदीश सिंह
भारत की वर्तमान सदी त्रासदी के इतिहास की गवाह बनकर सदियों तक के लिये स्थापित हो चुकी है! समय के साथ गुजऱे हादसे कलंकित वजूद बचाने में कभी कामयाब नही हुये है। जब जब जिस जिस देश में नपुंसक सियासत दार पैदा हुये है तब तब इन्सानियत का कत्लेयाम हुआ है! मानवता का विनाश हुआ है!इसी तरह का दौर दो दशक पहले भारत का स्वर्ग कहीं जाने वाली कश्मीर में गुजर चुका है!जो मालिक था अपने ही देश में खाना बदोश हो गया! जो आक्रान्ता लुटेरा थे वे मालिक बन गये? जिस कश्मीर में केशर की महक से फिजाओं में मन आनन्दित करने वाली हवा ताजगी का एहसास कराती थी उसी कश्मीर में नफऱत के सौदागरों ने कश्मीरी पंडितों का कत्लेयाम कर लहू की नदी बहा दिया! मां बहन के साथ दुराचार के साथ ही धनसम्पदा पर कर लिया अधिकार और तमाशा देखती रहे नपुंसक सियासतदार!
कश्मीरी पंडितों को भेड़ बकरीयो जैसे हलाल किया गया!औरतों के साथ हैवानियत की हदें पार कर दी गयी धर्म ईमान बदलवा दिया गया अस्मत लूट ली गयी दुधमुंहे बच्चों तक को आग में झोंक दिया गया!इस्लाम के नाम पर इन्सानियत को रौंद दिया गया जल उठी कश्मीर बदल गयी शमशीर फूट गयी जेहादियों के आतंक से कश्मीर की तकदीर! आज दो दशक बाद सच की ईबारत को फिल्म के माध्यम से जब उकेरा गया तो लोगों की आंखें फटी की फटी रह गयी! दलाल मिडीया नमक हराम गद्दार सियासत बाजों की असलियत सामने आ गयी! सेकुलरिज्म का पाठ पढ़ाने वाले नमक हराम सियासत के दोगलो की सच्चाई खुल गयी।सारे देश का परिवेश बदल गया हर आदमी का दिल दहल गया है।
कश्मीर की आवाज बनकर जनहित में आवाज उठाने वाले अनुपम खेर के द्वारा लिखित कुछ अंश समय की मांग को देखते हुये शामिल कर रहा हूं जो सच के सतह पर जोरदार ठोकर मार रहा है।अभिनेता अनुपम खेर के तीखे सवाल सुनकर, सुप्रीम कोर्ट के जजों का भी माथा उस समय ठनक गया जब तीन तलाक के मुद्दे की सुनवाई के लिए पांच जज़ों की टीम बैठी थीं!सुनवाई के पहले ही दिन कोर्ट नें कहा था कि अगर,तीन तलाक का मामला इस्लाम धर्म का हुआ तो,उसमें हम दखल नही देंगे!इसपर बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर नें तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए, कहा ठीक है,माई लॉर्ड अगर आप-धर्म के मामले में दखल नही देना चाहते,तो जलीकट्टू, दही हांड़ी,गो हत्या,राम मंदिर जैसे कई हिंदुओ के मामले है जिसमें आप बेझिझक दखल देते है! क्या -हिंदू धर्म आपको धर्म नही लगता! या फिर,आप मुसलमानों की धमकियों से डरते हैं?अगर आप कुरान में लिखे होनें से,तीन तलाक को मानते हैं! तो पुराण में लिखे,राम के अयोध्या में पैदा होनें को क्यों नही मानते?हमें भी बताइए,! यह सिर्फ मैं, नही पूरा देश जानना चाहता है?गाय का मांस खाना या ना खाना उनकी मर्जीपर छोङ देना चाहीये,!
लेकिन,सुअर का मांस वो नही खायेगें!क्योंकि ये उनके धर्म के खिलाफ है!शनि शिंगनापुर मंदिर में महिलाओं को,प्रवेश ना देना महिलाओं पर अत्याचार है!जबकि,हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश देना,या ना देना,उनके धर्म का आंतरिक मामला है!पर्दा प्रथा एक सामाजिक बुराई है!लेकिन,बुर्का उनके धर्म का हिस्सा है! जल्लीकट्टू में,जानवरों पर अत्याचार होता है!लेकिन, बकरीद की कुर्बानी इस्लाम की शान है!दही हांडीएक खतरनाक खेल है !जबकि, इमाम हुसैन: की याद में,तलवारबाजी उनके धर्म का मामला है!शिवजी पर दूध चढाना दूध की बर्बादी है!लेकिन मजारोंपर चादर चढाने से मन्नतें पूरी होती है?हम दो हमारे दो हमारा परिवार नियोजनहै!लेकिन उनका कीङे-मकौङों की तरह,बच्चे पैदा करना अल्लाह की नियामत है!भारत तेरे टुकङे होगें ये कहना अभिव्यक्ति की आजादी है!और इस बात से देश को कोई खतरानही है!और वंदे मातरम कहने सेइस्लाम खतरे में आ जाता है!सैनिकों पर पत्थर फैंकने वाले,भटके हुऐ नौजवान है!और अपने बचाव में, एक्शन लेने वाले सैनिक मानवाधिकारों के दुश्मन हैं!एक दरगाह पर विस्फोट से हिन्दु आंतकवाद शब्द गढ़ दिया गया !और जो रोजाना जगह जगह बम फोङतें है उन आंतकवादियोंका कोई धर्म ही नही है! क्या हाल कर दिया है,
दलाल मीडियाऔर सेकुलर सियासत के नमक हराम गद्दार सियासत बाज व इस देश की ब्यवस्था को संचालित करने वाले कुंठित मानसिकता से लबरेज जजों ने हमारे देश का,यदि समाज से असमानता दूर करनी है तो एक देश एक परिवेश एक सम्विधान का प्रावधान लागू करना ही होगा! बहुत हो चुका सम्भाव सद्भाव का सियासी प्रवचन! बदल रहा है भारत देश के गद्दारों समह्लल कर रहना अब तेरी खैर नहीं! देश की जनता जागरूक हो चुकी है।सिनेमा हालो में द कश्मीर फाईल्स आग लगा रही है सिनेमा हालों से बाहर निकलते दर्शक आंसुओं के सैलाब मे बात करने से बच रहे हैं भरसक!चेहरे पर तनाव गद्दार सियासत बाजों से नफऱत और देश द्रोहियो से बदला लेने की आग सुलगने लगी है। हर तरफ से आवाज आ रही है।
चल बढ़ सदी के नायक तुझे कौम की कसम है!
दुनियां को दिखाना है कातिल में कितना दम है।!!