उत्तराखंड

दो साल बाद शुरू होगा भारत-नेपाल बॉर्डर पर आवागमन

चम्पावत। उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से करीब दो साल बाद भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामान्य आवाजाही शुरू होने वाली है। बाकायदा नेपाल के कंचनपुर जिले के प्रमुख जिलाधिकारी (सीडीओ) ने इस आशय के आदेश जारी किए हैं। अब कोरोना की दो वैक्सीन लगवा चुके लोग आसानी से नेपाल में प्रवेश कर सकते हैं। उनके लिए निर्धारित समयावधि की आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य नहीं होगा। दरअसल, कोरोना के कारण भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा करीब दो साल से बंद चल रही थी। इससे दोनों देशों के व्यापारियों और आम लोगों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ रही थीं। इसी को देखते हुए करीब डेढ़ माह पूर्व नेपाल सरकार ने भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा खोल दी थी, लेकिन नेपाल प्रवेश के लिए 72 घंटे पूर्व कराई गई कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और सीसीएमसी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की बाध्यता रखी थी।

कोरोना जांच के कारण भारतीय नागरिक नेपाल नहीं जा पा रहे थे। इससे खासतौर पर भारतीय व्यापारी और पर्यटक परेशान थे। अब कंचनुपर प्रशासन ने नेपाल में प्रवेश के रास्ते खोल दिए हैं। बॉर्डर से आवाजाही शुरू होने से दोनों देशों के व्यापारियों ने भी खुशी जाहिर की है। व्यापारियों के अनुसार, इससे दोनों देशों के  लोगों के बीच रिश्ते भी पहले से ज्यादा मधूर होंगे।

विभिन्न संगठनों की हुई बैठक
मंगलवार को बनबसा व्यापार संघ, कंचनपुर उद्योग वाणिज्य संघ, महाकाली यातायात संघ, पवन दूत सार्वजनिक यातायात संघ और होटल संघ आदि ने कंचनपुर में बैठक की। इसके बाद उन्होंने सीडीओ से मुलाकात कर उन्हें समस्याओं से रूबरू कराया। सीडीओ ने तत्काल कस्टम विभाग को पत्र भेजकर भारतीयों के नेपाल में सामान्य आवाजाही कराने के आदेश जारी किए। बनबसा व्यापार संघ के अभिषेक गोयल और महाकाली यातायात संघ के अध्यक्ष डम्मरराज पंत ने कहा कि सीडीओ ने भारतीयों के नेपाल में सामान्य आवाजाही के आदेश जारी कर दिए हैं। कोविड वैक्सीन की दो खुराक लगा चुके लोग कोरोना जांच रिपोर्ट के बगैर ही नेपाल में प्रवेश कर सकते हैं। व्यापारी डम्मरराज पंत, महेश बोहरा, परमानंद भंडारी, हेमराज जोशी ने सीडीओ कंचनपुर का आभार जताया है।

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