उत्तराखंड

सरकार के इशारे पर संतों को प्रताड़ित किया जा रहा: अमृतानंद

हरिद्वार। सर्वानंद घाट पर अनशन पर बैठे स्वामी अमृतानंद ने कहा कि सरकार के इशारे पर संतों को प्रताड़ना दी जा रही है। हमें तथाकथित साधु कहा जा रहा है। सरकार को साधुओं का श्राप लगेगा।
प्रतिकार सभा में बोलते हुए अमृतानंद ने कहा कि कुछ लोग ऐसा समझ रहे हैं कि वह कमजोर हो गए हैं। लेकिन साधु कमजोर होने वाला नहीं है। वह अनशन पर अकेले बैठे हैं और उन्हें रात भर प्रताड़ना दी जा रही है। आरोप लगाया कि बीती रात नौ बजे स्वामी यति नरसिंहानंद को सरकार के इशारे पर गिरफ्तार करने का षड्यंत्र किया गया है। जिसका वह विरोध करते हैं। हम किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं है। हम केवल हिंदुओं के साथ हैं, जो हिंदुओं के नाम पर मलाई खा रहे हैं अगर वह हमारे साथ नहीं हैं तो हम भी उनके साथ नहीं हैं।

स्वामी ललितानंद ने कहा कि हिंदुओं की रक्षा के लिए सब को आगे आना चाहिए। संतों की एकजुटता से ही सनातन धर्म की रक्षा की जा सकती है। हिंदू रक्षा सेना के प्रदेश संयोजक मोतीराम गिरी ने कहा कि हमारा एक ही नारा है कि हर हिंदू हमारा है। स्वामी परमानंद ने कहा कि स्वामी यति नरसिंहानंद को अनशन से उठाकर ले गए हैं। हमारे साथ आए जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी का कोई साथ नहीं दे रहा है। वह क्या सोचकर हमारे पास आए होंगे। अब आवश्यकता है कि सभी संगठित होकर हिंदुत्व की रक्षा की लड़ाई लड़ें। स्वामी शिवानंद ने कहा कि हमें अपनी प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। हिंदू स्वाभिमान संगठन के राजेश भसीन कहा कि प्राचीन परंपराओं के अनुसार हमें अपनी जनसंख्या को बढ़ाने की जरूरत है। स्वामी आनंद स्वरूप ने हिंदुओं की रक्षा के लिए सभी से संगठित होने का आह्वान किया। इस अवसर पर सर्वानंद घाट पर शतचंडी यज्ञ का भी आयोजन किया गया।

वैदिक मंत्रों के साथ संतों ने यज्ञ में आहुतियां डालीं। इस अवसर पर स्वामी यमुना गिरी, स्वामी रघुवीर गिरी, संतोष मुनि, स्वामी विनोद, डीके शर्मा, अनिल यादव सहित कईं हिन्दू संगठनों के लोग मौजूद रहे।

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