उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, प्रदेश में नाइट कर्फ्यू खत्म, जानें नई गाइडलाइन

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू हटाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही अन्य कई रियायतें भी दी गई हैं।हालांकि राजनीतिक रैली, धरना-प्रदर्शन पर 28 फरवरी तक प्रतिबंध रहेगा।

जानें नई गाइडलाइन

राज्य के समस्त जिम, शॉपिंग मॉल सिनेमा हॉल, स्पॉ, सैलून, थियेटर, ऑडिटोरियम कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए अपनी क्षमता के साथ खुलेंगे. राज्य में स्वीमिंग पूल/वॉटर पार्क 28 फरवरी 2022 तक बंद रहेंगे. राज्य में स्थित खेल संस्थान, स्टेडियम एवं खेल के मैदान खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए अपनी क्षमता के साथ खोले जाएंगे।

आंगनबाड़ी 1 मार्च से खुलेंगी

राज्य में सभी आंगनबाड़ी केंद्र 1 मार्च से खुलेंगे. भारत सरकार एवं राज्य सरकार की निकायों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के संचालन की अनुमति होगी. सामान्य प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश के अनुसार राज्य के समस्त कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी. समस्त सार्वजनिक स्थानों, पर्यटक स्थलों बाजार, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मण्डी, शॉपिंग मॉल एवं अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती का पालन किया जाएगा।

विद्यालयों के लिए आदेश

राज्य के समस्त शासकीय एवं निजी विद्यालयों का (कक्षा-1 से 12 तक), विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा जारी मानक प्रचलन विधि के अनुसार संचालन किया जाएगा. संबंधितों द्वारा उक्त मानक प्रचलन विधि का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

विवाह समारोह, खेल गतिविधियों के लिए छूट

समस्त सामाजिक/खेल गतिविधियां/मनोरंजन/विवाह समारोह/सांस्कृतिक समारोह का आयोजन स्थल की पूर्ण क्षमता के साथ व्यक्तियों को सम्मिलित होने की अनुमति होगी. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाएगा. राजनीतिक रैली/धरना प्रदर्शन की अनुमति 28 फरवरी तक नहीं होगी. होटल, रेस्तरां, भोजनालयों और ढाबों को अपनी क्षमता एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत डाइनिंग के संचालन के लिए अनुमति होगी.

कोरोना संक्रमण को कम होता देख उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू हटाने का ऐलान किया है. राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार गिरावट की ओर हैं. इसके बाद राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए कुछ प्रतिबंधों को जारी रखते हुए अधिकतर मामलों में छूट दी है।

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