उत्तराखंड

बड़ी ख़बर :- 28 को पतंजलि और 29 नवंबर को शांतिकुंज आएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रशासन अलर्ट

हरिद्वार। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 28 नवंबर को पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह और 29 नवंबर को शांतिकुंज देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में शामिल होंगे। राष्ट्रपति के दो दिवसीय दौरे को लेकर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।

डीएम और एसएसपी ने पतंजलि विश्वविद्यालय स्थित हेलीपैड का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से हेलीपैड की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। पतंजलि विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले कार्यक्रमों को लेकर वहां अधिकारियों से जानकारी ली।

इसके बाद जिलाधिकारी और एसएसपी रूट निरीक्षण करते हुए प्रशासनिक भवन पहुंचे। कुलपति एवं कुलाधिपति कार्यालय की सुरक्षा मानकों व व्यवस्थाओं की दृष्टि से निरीक्षण किया। विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम का भी जायजा लिया। जिलाधिकारी ने मंच व्यवस्था, प्रवेश एवं निकास की स्थिति, दीक्षांत समारोह में जिन विद्यार्थियों को उपाधि देनी है, उनके बैठने आदि की व्यवस्था की जानकारी ली।

विश्वविद्यालय परिसर स्थित सेफ हाउस का भी निरीक्षण भी किया। इस दौरान पतंजलि के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, सीडीओ डॉ. सौरभ गहरवार, एडीएम पीएल शाह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह, एसडीएम पूरण सिंह राणा, सीएमओ डा. खगेन्द्र समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

2019 में आए थे हरिद्वार
इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद अक्टूबर 2019 में भी हरिद्वार आए थे। उन्होंने पत्नी सविता कोविंद के साथ हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में पहुंचकर श्री पारदेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना और रुद्राभिषेक किया था। इस दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की देखरेख में उन्होंने पूजन किया था।

आईआईटी रुड़की में भी छात्र छात्राओं को दी थी उपाधि
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में भी बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संस्थान में सर्वाधिक सीजीपीए प्राप्त करने वाले, विभिन्न गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और उत्कृष्ट शोध कार्य करने के लिए नौ छात्रों को मेडल व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था। सत्र में 2029 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *