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प्रियंका वाड्रा के लखीमपुर जाने से पुलिस की ओर से रोके जाने पर हाई वोल्टेज ड्रामा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में निघासन तहसील के तिकुनिया कस्बे में रविवार दोपहर उपद्रव हो गया जिसमें आठ लोगों की मौत  के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को रविवार देर रात लखनऊ से लखीमपुर जाने से पुलिस की ओर से रोके जाने पर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। पुलिस की घेराबंदी को धता बताकर प्रियंका तो लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। वहीं सोमवार तड़के तीन बजे लखीमपुर जाने की तैयारी में जुटे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। जबकि सुबह प्रियंका गांधी को भी हिरासत में ले लिया गया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी सोमवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचने की तैयारी कर चुके हैं। घटना के विरोध में आम आदमी पार्टी सोमवार को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी। लखीमपुर खीरी जा रहे चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने सीतापुर के खैराबाद टोल प्लाजा पर रोक लिए। उन्हें गिरफ्तार कर सीतापुर पुलिस लाइन में बैठा लिया गया। सरकार जहां शांति बनाये रखने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लखीमपुर में नहीं होने देना चाहती है, वहीं विपक्षी वहां जाने के लिए आमादा हैं।

प्रियंका वाड्रा को सोमवार सुबह लखनऊ आना था लेकिन लखीमपुर की घटना के बाद वह रविवार रात 9.15 बजे लखनऊ पहुंच गईं। अमौसी हवाई अड्डे से वह सीधे गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस पहुंचीं जहां सलाहकारों से विचार विमर्श के बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ रविवार देर रात ही लखीमपुर जाने के लिए निकलीं। जैसे ही प्रियंका की गाड़ी कौल हाउस से निकली तो पुलिस ने उसे रोक दिया। तमतमाई प्रियंका गाड़ी से उतरीं और पुलिस अधिकारियों से उनकी झड़प हुई। इसके बाद वह बारिश और बूंदाबांदी के बीच बालू अड्डे तक पैदल गईं। उनके पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम था। बालू अड्डा चौराहे पर वह इनोवा में बैठकर लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। उनके वाहन के पीछे कांग्रेसी नेताओं की गाड़ियों का काफिला था।

प्रियंका वाड्रा ने कहा कि जो आज हुआ वह दिखता है की ये सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है। किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। यह देश किसानों का देश है, भाजपा की विचार धारा की जागीर नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस देश में किसानों को कुचला जा रहा है, उसके लिए शब्द ही नहीं है। कई महीने से किसान अपनी आवाज उठा रहा है की उसके साथ गलत हो रहा है, लेकिन सरकार सुनने को राजी नहीं है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को मौके पर जाने के लिए कहा है। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने सतीश मिश्र को उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया है।

सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि हमें लिखित आदेश उपलब्ध कराया गया है। हम लोग कानून को मानने वाले लोग हैं और हमारी पार्टी भी कानून में ही विश्वास रखती है। हम अपने लोगों से यह अपील कर रहे हैं कि हमारे लोग पूरी शांति व्यवस्था बनाए रखेंगे और सोमवार को बैठक होगी जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि हमें आगे क्या करना है। इस घटना पर उन्होंने कहा कि हमारी पूरी पार्टी किसानों के साथ में है। मृतकों के प्रति हमारी विनम्र संवेदना है। हम घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। भूपेश बघेल व चन्नी भी आएंगे : लखीमपुर घटना को लेकर विपक्ष की सियासत में कांग्रेस बढ़त बनाना चाहती है। प्रियंका और राहुल के अलावा कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी सोमवार को लखीमपुर जाने के लिए लखनऊ पहुंच रहे हैं।

घटना की हो सीबीआइ जांच : आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने घटना की सीबीआइ जांच कराने, दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने और मृत किसानों के आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी जाएंगे और पीड़ित किसान परिवारों से मिलेंगे।

राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी रवाना : घटना के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर से सैकड़ों किसान कार्यक्रम कर वापस लौट रहे थे, तभी उन पर गाड़ी चढ़ाकर हमला किया गया, इसके बाद फायरिंग की गई। वह भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी के साथ लखीमपुर के लिए रवाना हो गए। पीलीभीत में राकेश टिकैत को डीएम-एसपी ने लखीमपुर न जाने को लेकर रोक लिया, लेकिन टिकैत का लगभग 100 गाड़ियों का काफिला बैरियर तोड़कर खीरी की तरफ बढ़ गया। उन्होंने किसानों से कहा कि संयमित होकर विरोध-प्रदर्शन जारी रखें। सरकार किसानों को उकसाना चाहती है मगर, हमें उग्र नहीं होना है। टिकैत शाहजहांपुर के खुटार होते हुए लखीमपुर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
विवादित बयान से भड़की चिंगारी : लखीमपुर के तिकुनिया के बनवीरपुर गांव में तीन अक्टूबर का दिन हर साल ही खास होता है। इस दिन यहां के मूल निवासी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व सांसद अजय कुमार मिश्रा टेनी के पिता स्व. अंबिका प्रसाद की स्मृति में बड़ा दंगल आयोजित होता है, जिसमें कई प्रदेशों के पहलवान अपने दांव-पेंच के जौहर दिखाते हैं। इस बार ये आयोजन और भी खास था, क्योंकि बतौर मुख्य अतिथि सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यहां आने वाले थे। सुबह से सारी तैयारियां मुकम्मल होने के बाद दंगल शुरू भी हो गया, पर इसमें अमंगल का काम किया सांसद के ही कथित विवादित बयान ने, जो उन्होंने बीती 26 सितंबर को संपूर्णानगर में दिया था। इसी बयान से अक्रोशित किसानों ने डिप्टी सीएम को काले झंडे दिखाने का मन बनाया, जिसके बाद बड़ा बवाल हुआ और दंगल कार्यक्रम भी पूर्ण नहीं हो सका।

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