राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी आयोजन, पत्रकारों ने की सामाजिक सुरक्षा देने की मांग, फर्जी मुकदमों और बढ़ते हमलों पर जतायी चिन्ता
देहरादून। राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आज विचार एक नई सोच के कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर पत्रकारों ने मौजूूदा समय मंे पत्रकारिता की चुनौतियों और समस्याओं पर विचार किया। पत्रकारों ने इस बात पर चिन्ता जतायी कि मौजूदा समय में पत्रकारों पर हमले बढ़ गये हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा है। सहमति जतायी गई कि प़त्रकारों की सुरक्षा और सुविधाओ के लिए सरकार से बात की जाएगी। पत्रकार और उनके आश्रितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिया जाएगा। संगोष्ठी में पत्रकारों ने सरकार से मांग की कि कोरोना काल में प्रभावित पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक सहयोग के साथ ही उनको सरकारी नौकरी भी दी जाए।
साथ ही मॉग की गयी कि सभी सक्रिय पत्रकारों को सूचना विभाग में रजिस्ट्रड करते हुए उनको व उनके परिजनों को कर्मचारी सुरक्षा बीमा योजना (ईएसआई) की सुविधा दी जाय ताकि उन्हें आयुष्मान योजना के साथ ही इसका भी डबल स्वास्थ्य लाभ मिल सके। पत्रकारों ने यह भी मांग की है कि उनको फर्जी मुकदमों में न फंसाया जाए। केस दर्ज करने से पहले जांच की जानी चाहिए। मौजूदा समय में बदले की भावना से कोई भी पत्रकारों को उनके कर्तव्य के निर्वहन में अपने प्रभाव या झूठे मुकदमों से दबाव बना सकता है। कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ पत्रकार व विचार एक नई सोच के संपादक राकेश बिजल्वाण द्वारा किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला, घनश्याम चन्द्र जोशी, उमाशंकर कुकरेती, चंदन एस कैन्तुरा, आलोक शर्मा, पुष्कर सिंह नेगी, अमित अमोली, दीपक धीमान, पवन नौटियाल, आशीष नेगी, अरूण पाण्डे, रमन जायसवाल, दीपक जुगरान, हरीश कंडवाल, अवधेश नौटियाल व राकेश गड़िया मौजूद रहे।